Real Short Sad Story Kunj and Reshma – प्यार मैं धोका

कुछ लोग अपने जीवन को दुसरे के हवाले कर देते है. यादों में जीना पसंद करते है. उसके लिए सबकुछ वो यादे ही रहता है जो अपने साथी के साथ बिताये होते है. उनको दुनियाँ से नाता ही नहीं रहता है. बस खोए रहते, यादों में ही मस्त रहते है.


मैं उसके बहुत ही करीब था. ‘कुंज’ हाँ यही नाम है उसका. दोस्त था मेरा. हमलोग साथ खेलते, साथ पढ़ते और एक साथ ही स्कुल जाते. स्कुल में हमारी जोड़ी भी मशहूर थी. हम एक साथ बड़े हुए. एक ही company में job भी join किया. हमारा समय बहुत ही अच्छा कट रहा था. हमलोग अपने लाइफ में बहुत ही खुश थे. यह ख़ुशी तब और दुगनी हो गई जब एक हमसफर मिला.

कुंज का शादी एक बहुत खुबसूरत और सुशील लड़की से हुआ. जितना खुबशुरत कुंज था उतना ही खुबशुरत उसकी पत्नी रेशमा थी. मैं भी कभी-कभी उसके घर जाया करता था. मैंने कभी उनको लड़ते हुए नहीं देखा. कुंज का टिफन तो वह खुद कभी लेकर ऑफिस आया करती.

उनकी लाइफ बहुत ही ख़ुशी सी बित रहा था. मैंने कभी कुंज को उदास नहीं देखा. हमेशा बस Reshma में बारे में बातें करता. मगर ये ख़ुशी ज्यादा दिन नहीं टिक पाया. दिन के बाद काली राते भी आती है. Real short love story in hindi – प्यार मैं धोका .

उनके शादी के 5 साल बीत गये. अभी तक उनको बच्चा नहीं हो पाया. इस ख्याल से रेशमा दुखी रहने लगी. बहुत से डॉक्टर से मिले. मगर कुछ उपाए नहीं निकला. यह सोच Reshma पर इतना हावी हो गया, वह बीमार रहने लगी. एक दिन ऐसा आया जब वह इस संसार को छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए चली गई.

कुंज तो जैसे बोलना ही भूल गया. वह हँसता हुआ कुंज, उदासी का मूर्ति बन गया. ऑफिस आता और चुपचाप अपने केबिन के बैठ कर काम करता और चला जाता. न किसी से कुछ बोलता न किसी से बात करता.

काफी दिन हो गये. कुंज ऑफिस नहीं आया. मैं कितनी बार ही उसके mobile पर call किया मगर उसने एक बार भी रिप्लाई नहीं किया. मैं भी परेशान हो गया. एक दिन ऑफिस छोड़कर ही उसके घर चला गया.

“आंटी कुंज्ज कहाँ है?” मैंने कुंज की माँ से पूछा. very sad love story in Hindi – प्यार मैं धोका
“तुम आ गये बेटा. अब तुम ही कुछ कर सकते हो तुम ही उसे समझाओ.’ वह हडबडाते हुए बोल रही थी – “ऐसे ही कितना दिन रहेगा. अभी उम्र ही क्या हुआ है. कितने ही रिश्ते आ रहा है. मगर रह मानने को तैयार ही नहीं. कह रहा है अब मैं शादी नहीं करूँगा. तुम ही समझाओ बेटा. तुम्हारा बात नहीं टालेगा.”

मैंने उनको ढाढस बंधाया और सीधे कुंज के कमरे में चला गया. लाइट ऑफ थी. सारे खिड़की, दरवाजे बंद थे. उनपर धुल जाम चूका था और मकड़ियाँ अपना कारीगरी दिखा चुकी थी. यही कमरा था जो कभी इतना सजा-धजा और साफ-सुथरा था की यहाँ से जाने का मन नहीं करता था. आज उसका हालत बदतर हो चूका था. सारा समान अस्त-व्यस्त पड़ा था.

मैंने कुंज को देखा. यह सच में कुंज है? इतनी बड़ी-बड़ी दाढ़ी, बिखरे बाल जैसे कितने ही दिन से नहाया तक नहीं है.

“यह क्या हाल बना रखा है और ऑफिस क्यों नही आ रहा है. वहाँ आएगा तो तेरा दिल भी हल्का होगा.” मैं उसके पास बैठते हुए बोला.

“किसके लिए ऑफिस जाना. अब यही मेरा सब कुछ है. यहाँ होता हूँ तो ऐसा लगता है वह मेरे साथ है. यहाँ का एक-एक चीज उसका याद दिलाता है और मैं उसकी यादों में ही रहना चाहता हूँ.’ लेटा हुआ कुंज उठ कर बैठ गया.

“जो हुआ उसका दुःख सभी को है. आंटी बोल रही है रिश्ते आ रहे. कोई अच्छा सा रिश्ता देख कर शादी क्यों नहीं कर लेता.”

वह मुस्कुरा पड़ा – “शादी” मुझे उसकी यादों से फुर्सत ही नहीं मिलती तो किसी और के बारे में कैसे सोच सकता हूँ. मेरा यह जन्म तो उसके नाम है, उसकी यादो के नाम है.” True Heart Touching Story- यह story पढ़ कर रोने लगोगे

“अभी तेरे सामने पूरा उम्र पड़ा है. ऐसी कब तक चलेगा.” मैंने फिर उसे समझाने का प्रयास किया.
‘मेरा पूरा उम्र तो उसका है. उसकी यादों का. उसकी यादें मुझे उसका होने का एहसास दिलाती है. मेरे हर साँस उसकी यादों का है तो मैं किसी और का कैसे हो सकता हूँ. अब तो उसके यादों के सहारे ही अपना जीवन बिता देना है.”

मैंने उसको देखा उसके चहरे पर एक हल्की मुस्कान थी. जैसे वह “रेशमा” के साथ हो. वह उसकी यादों के साथ था.

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