ये प्यार कही साथ नही रहता इतनी बड़ी दुनिया है पर फिर भी एक जगह रह जाते है। में भववान को बहोत जायदा मानती थी बहुत पर देखो अब किसी पर ट्रस्ट नही रहा खूद पर भी नहीं।


प्यार जीवन एक बार होता है ना. मुस्लिम हु. ये मेरी गल्ती थी की मैंने किसी हिंदू से प्यार क्या है। ये धर्म किसने बनाया है मेन तो नही बनाया ना ऊपर वाले बनाया है ये तो सब् इंसान ने बनाया हे तो क्यो हम दोनों को अलग कर दीया।

आप सब जो भी किसी से प्यार करते है कब तक किसका साथ देंगे नहीं दे सक्ते।

मे जिआ ये मेरा नाम असली नहीं है. ये नाम मुझे मेरे बॉयफ्रेंड ने दीया है मेरा असली नाम में नहीं बता सकती। सब की तरह मैंने भी किसी से जान से जायदा प्यार किया था मरी स्टोरी बहुत बडी है इसीलिए पूरी नहीं लिख सकती .आप लोग हमेशा यही सोचते हो ना की हर बार लडकी ही धोका देती है वही दर्द देती है पर ऐसा नही है मैने इतना कुछ सहा है और मैं अनके साथ हर बार खड़े रही थी और राहुंगी. आप लॉग अपना प्यार पाने के लिय कुच भी कर सक्ते हो पर जिसे मैं माई करती थी वो इतना दर गया है की वो मुझको देख कर भी अनदेखा कर देता है सोचो मेरे दिल पर क्या गुज़री होंगी। मैंने उसका उर्फ ​​नाम जय रखा है मैं उसका वास्तविक नाम नहीं बता सकती। अगर उसके या मेरे घरवालों ने पढ़ लीया तो गजब हो जायेगा। यार लड़का चाहे तो क्या नहीं कर सकता वो तो कुच नहीं कर रहा पर मैं अब तक लेके लड रही हू। ज्यादा कुच कहना नहीं पर जितना अनसे प्यार था वो अब नफरत के लायक नहीं रहा. आप सब की तरह दुखी हु और रहुंगी भी पर उनको भुल ने की कोसिस भी करती हू. अपनी परिवार के लिय क्यो की उन लोगो मुझे पाल के रखा और उस लायक बन|या है मैं किसी से प्यार कर सकु तो मैं अपना प्यार जय के मरू उस जान हकदार मेरा परिवार है। और एक बात ये भी है की लड़के अछि फिगर देख के हमरे साथ टाइम पास करते है और दूसरी अच्छी मिले तो हमें छोड़ देते है. कोई किसी के लिये जान नही देता ये सब ड्रामा है। जीस लडकी की फिगर अच्छा लगी पकड़ लीया यू सिको। प्यार तो हम करते हैं यू के जिस्म से नही उसकी प्रकृति से। आप लोगो के प्यार भरे पत्र को बहोत पढ़े होंगे इस्लीये आज कुच मैंने भी लिख दीया। किसी के लिय मत जिओ अपने परवार के लिय जियो फिर देखना दुनिंया किटनी सुन्दर लगी है तुम मत सोच की मैंने किसी से सचा प्यार नही किया इसीलिए ऐसा हो रहा है । मैं उन्हें खुद से जादा प्यार करती थी या हू. एक तरह से हम एक दूसरे को पति पत्नी मान चुके है । पर वो चले गेए मुज को छोड के। अब्ब सोच मुझे प्यार के नाम से नफरत क्यो हो चुकी है।