पैसा आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। क्या आप जानते हैं कि रुपये के रूप में हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले नोट कहाँ बनाए जाते हैं, छपाई कहाँ की जाती है, किस तरह की स्याही का उपयोग किया जाता है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं
भारतीय मुद्रा नोट भारत सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा छापे जाते हैं। ये केवल सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में छपते हैं। देश भर में चार प्रिंटिंग प्रेस हैं। नोट छपाई नासिक, देवास, मैसूर और सालबोनी (पश्चिम बंगाल) में की जाती है।
फ्लोरोसेंट स्याही: इस स्याही का उपयोग नोट के नंबर पैनल को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
ऑप्टिकल वेरिएबल इंक: इस स्याही का उपयोग नोट को कॉपी होने से रोकने के लिए किया जाता है।
भारतीय मुद्रा नोट भारत सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा छापे जाते हैं। ये केवल सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में छपते हैं। देश भर में चार प्रिंटिंग प्रेस हैं। नोट छपाई नासिक, देवास, मैसूर और सालबोनी (पश्चिम बंगाल) में की जाती है।
स्याही कहाँ से आती है?
छाप स्याही मुख्य रूप से स्विस कंपनी SICPA से आयात की जाती है। इंटाग्लिओ (Intaglio), फ्लोरोसेंट (Fluorescent) और ऑप्टिकल वेरिएबल स्याही (Optically Variable Ink) का उपयोग किया जाता है। जब भी आयात किया जाता है तो स्याही को बदली किया जाता है ताकि कोई भी देश इसे कॉपी न कर सके।RBI ने दी राहत: लोन रेपो रेट 0.40% कम, EMI में छूट अगस्त तक जारी रहेगी
यह कैसे काम करता है?
इंटाग्लियो स्याही: नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापने के लिए उपयोग होता है।फ्लोरोसेंट स्याही: इस स्याही का उपयोग नोट के नंबर पैनल को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
ऑप्टिकल वेरिएबल इंक: इस स्याही का उपयोग नोट को कॉपी होने से रोकने के लिए किया जाता है।