केंद्र सरकार ने Medicine Company दवा कंपनियों के लिए सख्त गाइडलाइंस का ऐलान किया है। इस
गाइडलाइन के तहत दवा कंपनी या उसके एजेंट द्वारा किसी डॉक्टर या उसके परिवार के
सदस्यों को कोई उपहार नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा विदेश यात्रा का प्रस्ताव देना
भी अपराध की श्रेणी में आएगा। सरकार ने इन मामलों को लेकर मंगलवार को Uniform
Code for Pharmaceutical Marketing यूनिफॉर्म कोड फॉर फार्मास्युटिकल मार्केटिंग
(UCPMP) को अधिसूचित कर दिया है।
देशभर के फार्मास्युटिकल एसोसिएशनों को लिखे पत्र में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक
मंत्रालय के संयुक्त सचिव रवींद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सभी एसोसिएशनों को एक
एथिक्स कमेटी बनानी होगी और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर यूसीपीएमपी पोर्टल का भी
उल्लेख करना होगा।
साल 2022 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने डॉक्टरों पर डोलो-650 टैबलेट लिखने
पर 1,000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार देने का आरोप लगाया था। इसके चलते एक समान
कोड बनाने की मांग उठने लगी। सरकार ने 2014 में UCPMP के संबंध में दिशानिर्देश
जारी किए लेकिन वे कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं थे। नए कोड के तहत, यदि डॉक्टर
अनैतिक रूप से दवा ब्रांडों को बढ़ावा देने के दोषी पाए जाते हैं, तो फार्मा
कंपनियों को रिश्वतखोरी के मामलों के समान दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना
पड़ेगा।
The Central Government notified a Uniform Code for Pharmaceutical Marketing Practices (UCPMP)
— ANI (@ANI) March 12, 2024
The Code reads: No gift should be offered or provided for personal benefit of any healthcare professional/family member by any pharma Cos/ agent/ distributors/ wholesalers/ retailers.…
सम्मेलन के नाम पर कोई यात्रा नहीं होगी
अधिसूचित कोड में लिखा है कि फार्मा कंपनियां किसी कॉन्फ्रेंस, सेमिनार या
वर्कशॉप के नाम पर डॉक्टरों को विदेश यात्रा की पेशकश नहीं कर सकती हैं। इतना ही
नहीं, फाइव स्टार होटल में रहना और महंगा खाना और रिसॉर्ट जैसे शानदार ऑफर भी
नहीं दिए जाएंगे। संहिता नकद या मौद्रिक अनुदान के भुगतान पर भी रोक लगाती है।
नि:शुल्क नमूनों पर भी पूरी तरह विचार किया जाएगा
केंद्र सरकार द्वारा घोषित दिशानिर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दवाओं
के मुफ्त नमूने किसी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं दिए जाएंगे जो ऐसे उत्पादों को लिखने
के लिए योग्य नहीं है। इसके अलावा, प्रत्येक कंपनी को उत्पाद का नाम, डॉक्टर का
नाम, प्रदान किए गए नमूने की मात्रा, मुफ्त नमूने की आपूर्ति की तारीख जैसे विवरण
रखना होगा। इसके अलावा, वितरित नमूनों का मौद्रिक मूल्य कंपनी की प्रति वर्ष
घरेलू बिक्री के दो प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।