अयोध्या में क्यों हारी बीजेपी? चौंकाने वाला कारन आया सामने

चुनाव ख़त्म हो चुका है और नतीजे आ चुके हैं और 9 तारीख को मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ भी लेंगे. लेकिन चर्चा फिलहाल उन 2 सीटों को लेकर चल रही है जहां बीजेपी को एक फैजाबाद यानी अयोध्या में और दूसरी अमेठी में स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा. एक भव्य मंदिर बनाया गया और एक और जगह जहां राहुल गांधी वहां नहीं रहते हुए भी हार गए?

अयोध्या में क्यों हारी बीजेपी?

अयोध्या में बीजेपी की हार कई लोगों को गले नहीं उतर रही है, उनमें से एक हैं रामानंद सागर की 'रामायण' के 'लक्ष्मण' यानी सुनील लहरी। सुनील लहरी इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजों से काफी निराश हैं. वह पहले ही चुनाव नतीजों पर अपनी निराशा जाहिर कर चुके हैं और एक बार फिर वह कुछ ऐसा ही करते नजर आए. एक तरफ सुनील लहरी अपने रामायण के को-स्टार अरुण गोविल और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की जीत से खुश हैं तो वहीं दूसरी तरफ फैजाबाद यानी अयोध्या में बीजेपी की हार उनके लिए सबसे बड़ा झटका साबित हुई है. अयोध्या में बीजेपी को वोट न देने पर अब सुनील लहरी ने अयोध्यावासियों पर निशाना साधा है.

अयोध्या में बीजेपी की हार से निराश हैं सुनील लहरी

इस बार जनवरी में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया गया और रामलला की मूर्ति स्थापित की गई. इस भव्य आयोजन में देशभर के दिग्गज नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था. राम मंदिर के उद्घाटन में मुकेश अंबानी-नीता अंबानी, अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट समेत तमाम बड़े सितारे शामिल हुए. ऐसे में सभी को उम्मीद थी कि अयोध्या में लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार की जीत होगी, लेकिन 4 जून को जब नतीजे आए तो सभी हैरान रह गए. बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद से हार गए.

सुनील लहरी ने अयोध्यावासियों पर जताया गुस्सा!

अयोध्या में क्यों हारी बीजेपी?


ऐसे में सुनील लहरी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर अयोध्या के चुनाव नतीजों पर टिप्पणी की है. उन्होंने अयोध्या की जनता पर अपने राजा को धोखा देने का आरोप लगाया है और उन्हें स्वार्थी बताया है. सुनील लहरी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा है, 'हम भूल गए थे कि यह वही अयोध्यावासी है जिसने वनवास से आने के बाद माता सीता पर शक किया था। हिंदू एक ऐसा समुदाय है जो ईश्वर के प्रकट होने पर भी उसे अस्वीकार कर देता है। स्वार्थी...इतिहास गवाह है कि अयोध्या के लोगों ने हमेशा अपने सच्चे राजा को धोखा दिया है।'

अयोध्या में क्यों हारी बीजेपी?

अयोध्यावासियों को निशाना बनाया गया

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा- 'अयोध्यावासियों, आपकी महानता को सलाम. जब आपने माता सीता को नहीं छोड़ा तो राम को तंबू से निकालकर भव्य मंदिर में रखने वालों को धोखा देना कौन सी बड़ी बात है। आपके प्रति बहुत सम्मान. सुनील लहरी की पोस्ट से साफ है कि वह अयोध्या चुनाव नतीजों से काफी नाराज हैं. वह बीजेपी की हार से निराश हैं. हालांकि, वह रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल की जीत से संतुष्ट हैं। अरुण गोविल ने उत्तर प्रदेश की मेरठ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सुनीता वर्मा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की है।

क्या अयोध्या में बीजेपी हार गई?

अयोध्या में क्यों हारी बीजेपी? चौंकाने वाला कारन आया सामने


ये एक वजह नहीं बल्कि सबसे बड़ी वजह ये है कि विकास के नाम पर राम मंदिर और आसपास के इलाके को तोड़े जाने से वहां के लोग काफी परेशान थे. कई लोगों के घर, दुकानें तोड़ दी गईं और बदले में कई लोगों को पूरा मुआवज़ा नहीं मिला और कुछ लोगों को कम मिला. इसलिए वहां लोग बीजेपी से नाराज थे.

दूसरी चर्चा यह है कि वहां सांसद लल्लू सिंह ने कोई काम नहीं किया. 5 साल में वे सिर्फ चुनाव के वक्त ही दिखे.

अमेठी में क्यों हारीं स्मृति ईरानी?

अमेठी के अधिकांश लोगों ने कहा कि 5 साल में एक बार भी सांसद स्मृति ईरानी ने अमेठी के अधिकांश क्षेत्रों का दौरा नहीं किया, इसके अलावा 5 साल पहले किए गए कार्यों के अलावा कोई बदलाव नहीं हुआ। इसलिए लोगों ने वहां के स्थानीय नेता को वोट दिया और इस वजह से कांग्रेस उम्मीदवार जीत गया.

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